यह तो सर्वविदित है स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत की प्रगति की गति उतनी नहीं रही है जितनी हो सकती थी । दूसरी ओर ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें देशों ने बाद में शुरू करने के बावजूद बहुत बेहतर किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी हटाने, न्यूनतम आय, कानून और व्यवस्था बनाए रखने, अपराध प्रबंधन, विवाद प्रबंधन, सांप्रदायिक सद्भाव और सामाजिक प्रगति के कई और पहलुओं पर हमारा प्रदर्शन खराब रहा है। कई मामलों के अध्ययन से पता चलता है कि शासन प्रणाली में निष्पक्षता और न्याय की कमी इस सब का एक बड़ा कारण है। यह प्रतिबद्धता, नवाचार, प्राकृतिक विकास और समाज के निरंतर सुधार में बाधा डालता है और नकारात्मकता को जन्म देता है।